तैनाती आदेशों के बाद भी नहीं पहुंचे चिकित्सक

रामपुर बुशहर— मुख्यमंत्री और सीपीएस स्वास्थ्य के गृह क्षेत्र में स्थित चार जिलों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने वाला महात्मा गाधी चिकित्सा अस्पताल खनेरी खुद बीमार चल रहा है। खनेरी अस्पताल में पिछले छह महीने से नेत्र रोग चिकित्सक नहीं है, इसके चलते मरीज खासे परेशान हैं। मरीजों को शिमला और चंडीगढ़ जाकर उपचार करवाना पड़ रहा है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे कितने सच साबित हो रहे हैं। गौरतलब है कि फरवरी महीने में खनेरी अस्पताल से आंखों के डाक्टर का तबादला हो गया था और इसके बाद अस्पताल में नेत्र रोग से ग्रसित मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम होना पड़ रहा है। हालांकि सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने यहां अस्पताल के लिए दो नेत्र रोग चिकित्सकों को तैनात करने के निर्देश भी जारी किए थे, बावजूद इसके दोनों डाक्टरों ने रामपुर अस्पताल में सेवाएं देना शुरू नहीं की है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीज बिना उपचार के वापस लौटने को मजबूर हैं और परेशान हैं। राकेश चौहान, जर्नाधन सिंह, रिंकु नेगी, दयाल कायथ, यशवंत शर्मा, रविंद्र चौहान, चमन लाल, मुकेश नेगी, जय सिंह, राजेश कुमार और अंकुश गुप्ता के अलावा अन्य लोगों का कहना है कि खनेरी अस्पताल में किन्नौर, शिमला, कुल्लू और मंडी जिला से रोजाना सैकड़ों मरीज यहां अपना उपचार करवाने पहुंचते हैं, लेकिन नेत्र रोग विशेषज्ञ न होने से मरीजों को शिमला और चंडीगढ़ में अपना उपचार करवाने जाना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल में जल्द से जल्द डाक्टरों की तैनाती की फरियाद की है, ताकि मरीज राहत की सांस ले सकें।