संपर्क मार्गों का 180 करोड़ से होगा कायाकल्प

सिरमौर की सडक़ों को अपग्रेड करने के लिए सरकार ने जारी की राशि, पांवटा साहिब-शिलाई में 180 किलोमीटर सडक़ों का होगा सुधार

सिटी रिपोर्टर-नाहन
जिला सिरमौर के ग्रामीण क्षेत्रों की हजारों की आबादी को जोडऩे वाली सडक़ों का कायाकल्प होने वाला है। इन सडक़ों पर कटिंग, चौड़ाई और टारिंग जैसे कई कार्यों को अंजाम देकर इनकी दशा को सुधारा जाएगा। जिला के विभिन्न हिस्सों में स्थित सडक़ों को अपग्रेड करने के लिए सरकार ने 180 करोड़ की राशि मंजूर की है। गौर हो कि जिले में ग्रामीण क्षेत्रों को जाने वाली सडक़ों की हालत बहुत ही दयनीय है जिसके कारण क्षेत्रीय लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सडक़ों की हालत खस्ता होने के कारण हर समय दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने नाहन, पांवटा साहिब और शिलाई ब्लॉक की 180 किलोमीटर लंबी सडक़ों की स्थिति सुधारने का फैसला लिया है। अब केवल सडक़ के लिए बजट मिलने का इंतजार है।

गौर हो कि सिरमौर जिला के ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकांश सडक़ों की लंबे समय से रिपेयर व मरम्मत नहीं हो पाई है। इस कारण इन मार्गों पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। जिला के सतौन से श्रीरेणुकाजी मार्ग की बात की जाए या सतौन से कांटीमश्वा, टिंबी से मिल्लाह, शिलाई से बालीकोटी, शिलाई से नैनीधार के अलावा कफोटा से माशु च्योग, शिल्ला से टटियाणा मार्ग के अलावा सिरमौर जिला के पच्छाद, राजगढ़, श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र आदि में दर्जनों ऐसी सडक़ें हैं जो लंबे समय से रिपेयर होने की बाट जोह रही हैं। ऐसे में सरकार व प्रशासन के साथ-साथ संबंधित विभाग से संबंधित क्षेत्रों के लोगों को उम्मीद है कि हिमाचल प्रदेश में नई सरकार के गठन से सिरमौर जिला के ग्रामीण क्षेत्रों की सडक़ों का जीर्णोंद्वार होगा। उधर, इस संबंध में जब लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एके शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत जिले की सडक़ों को सुधारने का फैसला लिया गया है। बजट मिलते ही जल्द से जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।

नाहन कालेज में प्रवेश शुरू
नाहन। डा. वाईएस परमार स्नातकोत्तर महाविद्यालय नाहन में बीवॉक कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया को आरंभ कर दिया गया है। महाविद्यालय नाहन में बीवॉक कोर्स के तहत हॉस्पिटिलिटी एंड टूरिज्म व रिटेल मैनेजमेंट में कोर्स वर्ष 2017 से करवाए जा रहे हैं। वहीं महाविद्यालय में दोनों ही कोर्स के लिए 40-40 सीटें निर्धारित की गई हैं। प्राचार्या डा. वीना राठौर व समन्वयक बीवॉक कोर्स डा. विकास गुलेरिया ने बताया कि कोर्स के लिए महाविद्यालय में 30 जून से प्रवेश प्रक्रिया को आरंभ किया गया है।