आधे शहर में पांच दिन बाद भी नहीं मिला पानी

गिरि परियोजना में फिर गाद, लोगों को झेलनी पड़ीं दिक्कतें

स्टाफ रिपोर्टर—शिमला
शहर में जल संकट से निजात मिलना मुश्किल हो गया है। गिरि पेयजल परियोजना में गाद रोजाना आ रही है, जिससे पंपिंग ठप हो रही है और शहर को प्रयाप्त पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है। गिरि पेयजल परियोजना शहर के लिए मुख्य पेयजल स्रोत हैं। यहां से शहर के लिए करीब 20 एमएलडी पानी लिफ्ट होता है, लेकिन इन दिनों यहां से सिर्फ पांच या सात एमएलडी पानी ही मिल रहा है। हालांकि गुम्मा पेयजल परियोजना सुचारू चल रही है। यहां से अन्य दिनों में करीब 18 एमएलडी पानी आता है, लेकिन इन दिनों यहां से 16 एमएलडी पानी लिफ्ट हो रहा है। अन्य पेयजल स्रोतों से भी 50 प्रतिशत पानी ही शहर को मिल रहा है।

आलम यह है कि शहर के कई क्षेत्रों को अभी भी पांच या छह दिन बाद ही पानी की सप्लाई मिल रही है, जिससे लोगों को पेयजल और अन्य इस्तेमाल के लिए पानी के टैंकर ही मंगवाने पड़ रहे हैं। हालांकि पेजयल परियोजना को कहना है कि शहर को दो दिन छोड़ कर ही पानी दिया जा रहा है, लेकिन यह दावा किसी भी वार्ड में सफल नहीं हुआ है। शहर के कई वार्डों में पेयजल सप्लाई का शेड्यूल भी बदल दिया गया है। अब वार्डों में सुबह और शाम दो समय में पानी की सप्लाई दी जा रह है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।

कहां से कितना आया पानी
गुम्मा 16.20
गिरि 7.86
चुरोट 3.15
सेओग 0.97
चेयर 0.62
ब्रांडी 4.83
कुल 33.63 एमएलडी पानी मिला है।

सुबह देरी से तो रात को भी दस बजे के बाद मिल रहा पानी
जल प्रबंधन निगम ने पेयजल सप्लाई का शेडयूल भी बदल दिया है। शेड्यूल के अनुसार पानी की सप्लाई लोगों को या तो देर रात में मिल रही है। वही,ं दिन में भी दस बजे के बाद ही पानी की सप्लाई मिल रही है, जिसके कारण कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारी और विद्यार्थी पीने का पानी भी स्टोर नहीं कर पा रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी किराये के कमरों में रहने वाले व्यक्तियों को हो रही है।