न कोच; न ही कोचिंग, आस मेडल की

सबसे बड़े जिला कांगड़ा के खेल विभाग के पास वालीबाल-रेसलिंग और कबड्डी के कोच ही नहीं, नहीं मिल रही सुविधाएं

नरेन कुमार- धर्मशाला
प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के पास मुख्य खेलों वालीबाल, रेसलिंग व कबड्डी के कोच ही नहीं है। ऐसे में प्रदेश के खिलाड़ी कैसे खेलों में मेडल ला पाएंगे? खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन किए जाने के लिए खेल नगरी धर्मशाला में इंफास्ट्रक्चर तो विकसित किया गया था, लेकिन सही से प्रयोग करने की सुविधाएं तक नहीं दी जा रही हैं। युवा सेवाएं एवं खेल विभाग में प्रतियोगिताएं भी आनन-फानन में ही करवाई जा रही है, जिससे कई बड़े सवाल उठ रहे हैं। जिला युवा सेवाएं एवं खेल विभाग कांगड़ा स्थित धर्मशाला में स्थित है। धर्मशाला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पोर्टस सिटी के नाम से भी अब पहचाना जा रहा है। धर्मशाला में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, सिंथेटिक ट्रैक व इंडोर स्टेडियम भी उपलब्ध हैं।

इसके तहत हिमाचल के खिलाडिय़ों को अपनी प्रतिभा निखारने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों का भी धर्मशाला में अभ्यास व इंटरनेशनल इंवेट होना आम बात रहती है। इतना ही नहीं एशियन व ओलंपिक गेम्स में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ी भी धर्मशाला के हाई एल्टीटयूड में अभ्यास करने के लिए सालों-साल अभ्यास करते हैं। इसमें शॉटपूट में तजेंद्र सिंह तूर व एथलेटिक्स में लंबी दौड़ में ओपी जेयसा ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। लेकिन हिमाचल की कई प्रतिभाओं को उभरने का मौका ही नहीं मिल पा रहा है। कई महत्वपूर्ण खेल में कोच ही उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में बच्चे कैसे अपना हुनर निखार पाएंगे। युवा सेवाएं एवं खेल विभाग कांगड़ा स्थित धर्मशाला में मौजूदा समय में वालीबाल, रेसलिंग, कबड्डी, टेबल टेनिस सहित आधा दर्जन के करीब महत्वपूर्ण गेम्स में कोच ही नहीं है। जबकि मात्र चार ही कोच जिला विभाग में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। जिसमें एथलेटिक्स में दो, बैडमिंटन में एक, जिम ट्रैनर एक और एक ही कोच ताईक्वांडों में उपलब्ध है। जिसमें गिनती के ही खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त करने को पहुंचते हैं। इस मामले में डीएसएसओ कांगड़ा मनमोहन कुमार का कहना है कि अधिक बारिश के कारण प्रतियोगिताएं करवाने में दिक्तत हुई हैं, बावजूद इसके इंवेट करवाकर टीम को राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए भेजा गया है। एचडीएम

सरकार और निदेशालय को भेज प्रपत्र

जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी मनमोहन कुमार ने बताया कि चार खेल वर्ग में कोच सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अन्य पदों को भरने के लिए सरकार व निदेशालय को प्रपत्र भेजा गया है।

इंडोर स्टेडियम की मरम्मत के बाद भी खस्ताहाल
धर्मशाला में युवा सेवाएं एवं खेल विभाग कांगड़ा के करोड़ों रुपए के इंडोर स्टेडियम में लाखों रुपए का मरम्मत कार्य किए जाने के बाद भी छत से पानी टपक रहा है, जिसके कारण साउंट प्रुफिंग पर खर्चे गए लाखों रुपए का मैटीरियल भी व्यर्थ हो रहा है। बावजूद इसके इसकी मरम्मत के लिए भी अब तक कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है।