दिल्ली लौटाया नेशनल स्पोर्ट्स होस्टल का प्रोजेक्ट, प्रदेश सरकार करोड़ों के प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने में नाकाम

प्रदेश सरकार केंद्र के करोड़ों के प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने में नाकाम, अब कई परियोजनाएं गायब

नरेन कुमार—धर्मशाला

हिमाचल के लिए स्वीकृत कई अहम परियोजनाओं को प्रदेश की कांग्रेस व भाजपा सरकारें पिछले एक दशक से धरातल पर नहीं उतार पाई हैं। इसमें धर्मशाला में बनने वाला नेशनल स्पोट्र्स होस्टल भी कई सालों तक ज़मीन तलाशते हुए अब गुमनामी के अंधेरे में खो गया है। अब हिमाचल में बनने वाले पहले नेशनल होस्टल जहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी विशेष रूप से अभ्यास करने के लिए पहुंचने वाले थे, उसे भी सरकारों ने निगल ही लिया है। भारतीय खेल प्राधिकरण साई के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की ओर से भी ज़मीन न मिलने के कारण नेशनल स्पोट्र्स होस्टल के प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अब उस प्रोजेक्ट को फाइलों में दफन करके फिर से दिल्ली लौटा दिया गया है।

इतना ही नहीं धर्मशाला के इंद्रूनाग में हाई एल्टीटयूड सेंटर बनाए जाने के प्रोपोजल पर काम चल रहा है। हालांकि उसमें भी 300 बेड वाला अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों के लिए होस्टल सेंटर के साथ ही बनाया जाएगा। ऐसे में अब उस प्रोजेक्ट की फाइलें फिल्हाल घूम रही हैं, लेकिन न जाने कब ये भी दफन हो जाएं? उधर, स्पोर्टस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के एनसीओई धर्मशाला के इंचार्ज राकेश जस्सल ने बताया कि साई को ज़मीन न मिलने से नेशनल होस्टल नहीं बन पाया है।

एक ही ज़मीन पर घूम रही आधा दर्जन प्रोजेक्ट की फाइलें

धर्मशाला में नेशनल शूटिंग रेंज व साइना नेहवाल की बैंडमिटंन एकेडमी के प्रोपोजल भी बने थे, जो कि अब ठंडे बस्ते में पड़ गए हैं। अब उक्त जमीन में प्रदेश की नई सरकार की ओर से पर्यटन विभाग के साथ मिलकर आईस स्केटिंग रिंग बनाए जाने की योजना बनाई जा रही है। एक ही ज़मीन में आधा दर्जन के करीब प्रोजेक्टों की फाइलें घूम चुकी हैं, लेकिन अब देखना यह अहम होगा कि ज़मीनी स्तर पर कौन सी योजना उतर पाती है।

सरकार-प्रशासन ने नहीं दिखाई दिलचस्पी

केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से जारी 26 करोड़ का बजट वापस लौट गया है। धर्मशाला में नेशनल स्पोट्र्स होस्टल के तहत फाइव स्टार सुविधा के एक सौ कमरे बनाए जाना प्रस्तावित थे। इतना ही नहीं धर्मशाला के सकोह में राष्ट्रीय होस्टल बनाने को 16 कनाल ज़मीन भी चयनित की थी, लेकिन केंद्रीय स्पोट्र्स सचिव ने मौके पर पहुंचकर निरिक्षण कर 16 कनाल भूमि को कम पाया था। ऐसे में साई प्रबंधन धर्मशाला को इससे अधिक ज़मीन तलाशने की बात कही थी, लेकिन अब प्रोजेक्ट अब वापस लौट गया है। सरकार व प्रशासन ने भी होस्टल निर्माण को लेकर कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई।