गुमनामी के अंधेरे में नेशनल स्पोर्ट्स होस्टल, जमीन न मिलने से फाइलों में दफन कर लौटाया प्रोजेक्ट

हिमाचल में फाइव स्टार सुविधा के साथ इंटरनेशनल खिलाडिय़ों के बनने थे सौ कमरे

धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम; सिंथेटिक ट्रैक, फुटबॉल मैदान सहित दर्जनों मैदान, पर रहने को नहीं स्थान

सकोह में राष्ट्रीय होस्टल बनाने को चयनित की थी भूमि

प्रदेश सरकारें केंद्र के करोड़ों की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में फेल

स्टाफ रिपोर्टर— धर्मशाला

हिमाचल के लिए स्वीकृत कई अहम परियोजनाओं को प्रदेश में कांग्रेस व भाजपा सरकार पिछले एक दशक से सही प्रकार से धरातल पर नहीं उतार पाई। इसमें धर्मशाला में बनने वाला नेशनल स्पोट्र्स होस्टल भी कई सालों तक ज़मीन तलाशते हुए अब गुमनामी के अंधेरे में खो गया है। धर्मशाला को खेल नगरी बनाए जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, अंतरराष्ट्रीय स्तर का हाई एल्टीट्यूट सिंथेटिक ट्रैक-इंडोर स्टेडियम, अंतरराष्ट्रीय तर्ज का फुटबॉल मैदान, पुलिस मैदान, स्मार्ट सिटी की ओर से वॉलीबाल व बैडमिंटन कोर्ट सहित एडवेंचर स्पोट्र्स का भी हब है। इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय खेलों, एशियन गेम्स व ओलंपिक में अभ्यास करने के लिए भी इंटरनेशनल एथलीट धर्मशाला पहुंचते हैं। पर हैरत की ही बात है कि अब तक धर्मशाला में खिलाडिय़ों को ठहरने के लिए कोई होस्टल की सुविधा ही नहीं मिल पाई है। दरअसल, भारतीय खेल प्राधिकरण साई की ओर से भी जमीन न मिलने के कारण नेशनल स्पोट्र्स होस्टल के प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब इस प्रोजेक्ट को फाइलों में दफन करके फिर से दिल्ली लौटा दिया गया है।

पिछले लगभग एक दशक से नेशनल होस्टल को ज़मीन ही नहीं मिल पाई, जिसके कारण केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से जारी 26 करोड़ का बजट हवा-हवाई हो गया। धर्मशाला में नेशनल स्पोट्र्स होस्टल के तहत फाइव स्टार सुविधा के 100 कमरे बनाए जाना प्रस्तावित थे। इतना ही नहीं धर्मशाला के सकोह में राष्ट्रीय होस्टल बनाने को 16 कनाल ज़मीन भी चयनित की थी। पर केंद्रीय स्पोट्र्स सचिव ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण कर 16 कनाल भूमि को कम पाया था। ऐसे में साई प्रबंधन धर्मशाला को इससे अधिक ज़मीन तलाशने की बात कही थी। पर अब साई होस्टल धर्मशाला व खेल विभाग ने काम ठंडे बस्ते में डालकर दफन कर दिया।

अब जमीन के फेर में फंसा हाई एल्टीट्यूड सेंटर

धर्मशाला के इंद्रूनाग में हाई एल्टीट्यूड सेंटर बनाए जाने का प्रोपोजल बनाया गया है, उसमें बनने वाले होस्टल को ही नेशनल होस्टल को समाहित करने की भी योजना बन रही है, लेकिन हाई एल्टीट्यूड सेंटर का कार्य भी ज़मीनी फेर में ही उलझा हुआ है। धर्मशाला के सकोह में ही नेशनल शूटिंग रेंज व साइना नेहवाल की बैंडमिंटन एकेडमी को भी दफन कर दिया गया। अब प्रदेश की नई सरकार उसी सकोह की भूमि में आइस स्केटिंग रिंग बनाने का सपना लोगों को दिखा रही है, जिसमें पिछले कुछ समय से आधा दर्जन प्रोजेक्ट दफन हो चुके हैं।