जाहू में हाई-वे पर पशु बने टेंशन

हाईकोर्ट ने सडक़ों और पुलों से लावारिस पशुओं को हटाने के लिए दिए हैं निर्देश

निजी संवाददाता-भोरंज
उपमंडल भोरंज के जाहू में बढ़ती लावारिस पशुओं की संख्या से जहां किसान परेशान हैं वहीं वाहन चालकों व राहगीरों के लिए भी मुसीबत बने हुए हैं। इस कारण जहां आर्थिक नुकसान हो रहा है वहीं जान भी जोखिम में पडऩे का खतरा सता रहा है। हालांकि हाईकोर्ट ने सडक़ों और पुलों से लावारिस पशुओं को हटाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। भोरंज उपमंडल की करीब 17 पंचायतों के किसान लावारिस पशुओं की समस्या से जूझ रहे हैं। ऊना से कलखर वाया लदरौर, जाहू- भांबला हाईवे लावारिस पशुओं का शरण स्थली बन गया है। सडक़ों और पुलों पर दिनभर लगे जमघट के कारण वाहन चालक और राहगीर काफी परेशान हैं।

ग्रामीणों की गेहूं की फसल भी इन लावारिस पशुओं ने बर्बाद कर दी थी। इन लावारिस पशुओं से ग्रामीणों काफी परेशान हैं। हालांकि ग्रामीणों ने फसल की सुरक्षा के लिए लोहे की तार लगाने पर भी हजारों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन लावारिस पशु इन तारों को उखाड़ कर खेतों में घुस रहे हैं। जाहू में 800 से 900 के करीब लावारिस पशु हैं। जाहू पंचायत तीन जिलों हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी के संगम स्थल पर है। यहां पर चारों ओर से सरेआम बैल और गाय लावारिस अवस्था में छोड़ी जा रही हैं। जाहू पंचायत के सीर, सुनैहल खड्ड करीब तीन सौ लावारिस पशुओं का अड्डा बन चुका है।