एनआरआई दंपति से मारपीट का कंगना कांड से संबंध नहीं

जांच के दौरान निराधार और झूठे पाए गए पुलिस कर्मियों पर लगाए गए आरोप

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

प्रदेश के चंबा जिला के खजियार में एनआरआई दंपति से हुई मारपीट का मंडी लोकसभा से सांसद कंगना रणौत के थप्पड़ कांड से कोई संबंध नहीं है। हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी की प्रेस विज्ञाप्ति के अनुसार इन घटनाओं को सोशल मीडिया में तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञाप्ति में कहा है कि हिमाचल प्रदेश के स्थानीय लोगों का व्यवहार व हिमाचल प्रदेश पुलिस की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। गौर हो कि जिला चंबा के खजियार/डल्हौजी में घटित घटनाओं में नौ जून, 2024 को परमजीत सिंह, एएसआई चंडीगढ़ पुलिस जिला चंबा के खजियार में घूमने आए थे, जिसने अपनी गाड़ी को सडक़ के बीच में पार्क कर दिया था, जिससे यातायात बाधित हो गया था। जब खजियार पुलिस चौकी के पुलिस कर्मियों ने उनसे गलत तरीके से पार्क की गई गाड़ी को हटाने के लिए कहा, तो वह नाराज हो गया और गाली-गलौज करने लगा।

इस संबंध में मामले की जांच प्रभारी पुलिस थाना सदर जिला चंबा के माध्यम से की गई। जांच के दौरान पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और झूठे पाए गए। वहीं, चंबा में एनआरआई दंपति कंवलजीत सिंह का मामले में 11 जून, 2024 को एक एनआरआई दंपति कंवलजीत सिंह, उनकी स्पेनिश पत्नी और उनके भाई जीवनजीत सिंह अमृतसर शहर से चंबा जिले के खजियार में घूमने गए थे। जांच में पता चला है कि कंवलजीत सिंह और उनके भाई जीवनजीत सिंह हस्तरेखा शास्त्र का अभ्यास करने के बहाने महिला पर्यटकों और स्थानीय महिलाओं का जबरन हाथ पकड़ रहे थे। इससे एनआरआई दंपति और वहां मौजूद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच कहासुनी हो गई। डीजीपी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक शांतिपूर्ण राज्य है।