आधा घंटा मुलाकात, सिर्फ कम्युनिकेशन गैप था

राज्य ब्यूरो प्रमुख-शिमला

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की नाराजगी दूर करने के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राजभवन पहुंचे। वह करीब आधा घंटा तक राज्यपाल के पास रहे और सभी मामलों पर चर्चा की। इस मुलाकात के दौरान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी बंसल, डीसी शिमला अनुपम कश्यप और एसपी शिमला संजीव गांधी भी राजभवन में दिखे। गवर्नर से मिलने के बाद ऊना रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के कारण 4 महीने तक वह राज्यपाल से नहीं मिल पाए थे, इसलिए आज यह शिष्टाचार भेंट थी। कृषि विश्वविद्यालय कुलपति नियुक्ति विवाद को लेकर पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने नाराजगी के एक दो कारण बताएं हैं।

नेशनल योगा डे के सरकारी कार्यक्रम के दौरान मेयर भी यहां अनुपस्थित थे। गवर्नर संवैधानिक पद है, इसलिए ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कुलपति की नियुक्ति के मामले में भी कम्युनिकेशन गैप था, जिसे ठीक किया जाएगा। इस बारे में फाइल राजभवन ने तीन-चार महीने पहले राज्य सरकार को भेज दी थी, लेकिन वह सेक्रेटरी लॉ के पास पेंडिंग रह गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में इन चीजों को ठीक करेंगे। महामहिम राज्यपाल चाहते हैं कि अन्य विश्वविद्यालयों में भी जल्दी नियुक्ति हो, ताकि शिक्षा का एक माहौल बने। राज्य सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने कुछ और विषय भी उनके ध्यान में लाए हैं, जिन पर वह काम करेंगे। राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर में अभी एक गोलीकांड हुआ है और उसमें कानून अपने अनुसार काम करेगा। अपराधी चाहे किसी भी दल का हो, सरकार का उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। प्रदेश के लोगों को सुरक्षा का वातावरण देना राज्य सरकार का दायित्व है। गौरतलब है कि गुरुवार को नई दिल्ली दौरे से लौटते ही राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कृषि विश्वविद्यालय कुलपति मामले में कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बयान को गलत बताते हुए प्रेस वार्ता कर दी थी। राज्यपाल ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कुलपति की नियुक्ति को लेकर भी राज्य सरकार के स्तर पर ही देरी है। यह मामला और आगे न बढ़े, इसके लिए मुख्यमंत्री अगले दिन ही राजभवन पहुंच गए।