हमीरपुर के बागीचों पर आग और सूखे की मार

467 बागबानों की आम-लीची की 316 मीट्रिक टन फसल हुई बर्बाद, एक करोड़ 62 लाख रुपए का नुकसान

कार्यालय संवाददाता-हमीरपुर
सूखे और आगजनी की घटनाओं से बागबानों के आम व लीची के पौधे सूख गए हैं। पौधों को पर्याप्त पानी न मिलने और आग की घटनाओं से बागबानों के हरे-भरे बगीचे सूख गए हैं। ऐसे में बागबानों को अब तक एक करोड़ 62 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। अगर बारिश जल्द नहीं हुई, तो बागबानों के नुकसान का आंकड़ा और बढ़ता जाएगा। ऐसे में बागबान भी बिना बारिश के काफी परेशान हैं। बता दें कि हमीरपुर जिला में लंबे समय से अच्छी बारिश नहीं हो पाई है। ऐसे में सूखे और जंगल की आग से हरे-भरे बगीचे भी राख हो गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार उद्यान विभाग हमीरपुर में एक मई से लेकर 22 जून तक ब्लॉक स्तर से मंगवाई गई नुकसान के रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। सूखे और आगजनी की घटनाओं से हमीरपुर जिला की 60 हेक्टेयर भूमि बगीचों की राख हो गई है। ऐसे में जिला भर के 467 बागबानों की आम व लीची की 316 मीट्रिक टन फसल बर्बाद हो गई है। बागबानों के 2285 बगीचे सूखे व आगजनी की घटनाओं से पूरी तरह से खत्म हो गए हैं।

वहीं 5019 बगीचों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। ऐसे में बागबानों को अब तक सूखे व आगजनी की घटनाओं से एक करोड़ 62 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है, जोकि और बढऩे की उम्मीद है। यही नहीं बिना बारिश से बगीचों में लगे फलों का साइज भी बढ़ नहीं पाया है। ऐसे में बागबानों को इस बार फलों के सही रेट भी नहीं मिल पाएंगें। उद्यान विभाग ने नुकसान की रिपोर्ट हैड ऑफिस शिमला भेज दी है, ताकि बागबानों को राहत के तौर पर मुआवजा इत्यादि मिल सके। क्योंकि बारिश के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में बागबानों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि बढ़ती गर्मी और आग की घटनाओं से बागबानों के बगीचों पर सूखे का खतरा मंडरा रहा है। जल्द ही बारिश नहीं हुई, तो बागबानों के नुकसान का आंकड़ा और बढ़ जाएगा। ऐसे में बंपर फसल की उम्मीद लिए बैठे बागबानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।