हिमाचल स्पीकर की नेता प्रतिपक्ष को चेतावनी

विधानसभा के फैसलों पर पब्लिक के बीच चर्चा करना सही नहीं

विशेष संवाददाता — शिमला

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा है कि सदन की कार्यवाही पर उपचुनाव में लोगों के बीच चर्चा सही नहीं है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को इससे बचना होगा। उन्होंने कहा कि तत्काल प्रभाव से उनके फैसलों को लोगों के बीच ले जाने का क्रम रोका नहीं गया, तो वे बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। विधानसभा अध्यक्ष बुधवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच सदन के फैसलों की चर्चा सही नहीं और इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। सदन से छह विधायकों का निष्कासन संविधान के अनुसार हुआ था। विधानसभा नियमावली के दसवें शेड्यूल के उल्लंघन के तहत सदस्यता को रद्द किया गया है। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक चुनकर आए थे।

नियमों के अनुसार पांच वर्ष के कार्यकाल में वे किसी भी राजनीतिक दल को ज्वाइन नहीं कर सकते हैं। तीनों ने 22 मार्च को सदस्यता से इस्तीफा देकर 23 मार्च को भाजपा ज्वाइन कर ली, जबकि इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए दोनों पक्षों को समय दिया गया था। फैसला आने से पहले ही तीनों सदस्य उच्च न्यायालय में चले गए। उन्होंने उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने विधानसभा अध्यक्ष के संवैधानिक अधिकार के बीच कोई दखल न देने की बात कही है। स्पीकर के अधिकारों पर उच्च और सर्वाेच्च न्यायालय ने तय कर दिया है कि जो भी फैसले लिए गए हैं, उसमें दखल की गुंजाइश नहीं है। चुनाव में चर्चा के बीच मामलों को लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संविधान के अनुरूप यह निर्णय लिए गए हैं। सदन में कार्यवाही नियमों के अनुरूप होती है। सदस्य को अधिकार नहीं है कि वे हाउस के खिलाफ बयानबाजी करें।

भाजपा के नौ विधायकों पर मानसून सत्र में होगी सुनवाई

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि सदन में हुड़दंग मचाने वाले विपक्ष के नौ विधायकों का विषय विचाराधीन है। नोटिस का जवाब आ चुका है। जब मानसून सत्र में सदन का संचालन होगा, तो इस मामले में कार्यवाही की जाएगी। नौ सदस्यों के खिलाफ नोटिस दिया गया है। नियमों को ताक पर रखकर सदन के आसन तक जाकर कागज फाडऩा, अव्यवस्थित माहौल बनाना उसका जवाब आ चुका है। सदन का संचालन संविधान के अनुरूप हुआ है। विधानसभा प्रोडक्विटी 132 प्रतिशत रही है। जो समय दिया गया था, उससे ज्यादा काम किया गया है। विधायकों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। किसी को अधिक समय चाहिए था, तो उसे भी दिया गया।