डीजल की 250 बसें, 50 ट्रैवलर खरीदेगी एचआरटीसी

निदेशक मंडल की बैठक में फैसला, 327 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में लगेगा वक्त

चीफ रिपोर्टर — शिमला

इलेक्ट्रिक बसों के लिए एचआरटीसी प्रबंधन ने बाकायदा टेंडर कर दिया है, मगर इनके आने में समय लगेगा। निगम को बसों की जरूरत है, लिहाजा उसने 250 नई डीजल बसें खरीदने का निर्णय लिया है। इसके लिए एचआरटीसी सरकार से पैसा मांगेगी, क्योंकि 105 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। इसमें 50 टैम्पो ट्रैवलर खरीदने का भी प्रस्ताव है, जिसे शुक्रवार को एचआरटीसी के निदेशक मंडल ने मंजूरी प्रदान की है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री की अध्यक्षता में हुई निदेशक मंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। एचआरटीसी को 327 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद करनी है, जिसकी मंजूरी पहले ही सरकार से मिल चुकी है, मगर इन बसों के आने में अभी समय लगेगा। लिहाजा काम चलाने के लिए एचआरटीसी ने 250 डीजल बसेें खरीदने का निर्णय लिया है। जैसे ही सरकार से इसके लिए पैसा मिलेगा, निगम डीजल बसों की खरीद करेगा। निगम ने 50 टैम्पो ट्रैवलर और इसी साल अपने बेड़े में 24 नई सुपर लग्जरी बसें जोडऩे का भी निर्णय लिया है। इसके साथ ही 25 नई वोल्वो बसें खरीदने का फैसला लिया गया है।

परिवहन निगम द्वारा बसों में यात्रियों द्वारा कैशलैस माध्यम से किराए का भुगतान कने के लिए परिचालकों को प्रोत्साहित करने को त्रैमासिक आधार पर मंडलीय स्तर पर तीन परिचालकों को पारितोषिक देने का भी निर्णय लिया। यह योजना 31 दिसंबर तक लागू रहेगी। निदेशक मंडल ने निगम के कर्मचारी व पेंशनर वर्ग को 55.36 लाख रुपए की राशि चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए जारी करने का निर्णय लिया है। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि कर्मचारियों व पेंशनरों का अभी नौ करोड़ रुपया बकाया है, जिसे जल्द चुकता करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही कर्मचारियों का वार्षिक चिकित्सा चैकअप करवाने का भी निर्णय लिया गया है। मुकेश अग्रिहोत्री ने बताया कि एचआरटीसी को घाटे से उभारने के लिए संसाधन जुटाने को एक कमेटी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि घाटे के कई कारण हैं। निगम के मात्र छह फीसदी रूट ही फायदे में हैं, जबकि शेष पर नुकसान हो रहा है।

350 चालकों की होगी निगम में भर्ती

लगातार रिटायर हो रहे चालकों के कारण निगम के पास चालकों की खासी कमी हो रही है। ऐसे में निदेशक मंडल ने निर्णय लिया है कि 350 ड्राइवरों की भर्ती की जाएगी, जिनके करीब 600 पद खाली पड़े हुए हैं। इससे आने वाले दिनों में चालकों की कमी को दूर किया जा सकेगा।

पूर्व भाजपा सरकार ने नहीं चुकाया रैलियों का पैसा

एचआरटीसी निदेशक मंडल ने आठ करोड़ रुपए के बकाया की डिमांड की है। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि चुनावी ड्यूटी पर एचआरटीसी बसें लगी थीं, जिनका पैसा अब तक नहीं मिल पाया है। वहीं, पूर्व भाजपा सरकार के समय में उनकी रैलियों के लिए भी एचआरटीसी का इस्तेमाल हुआ, जिसका पैसा भी चुकता नहीं किया गया है। निदेशक मंडल ने इस पैसे की वसूली जल्द करने को कहा है।