Karamchari: उपचुनाव के बाद तय होगी रणनीति

बिजली कर्मचारियों को नहीं मिल पाया पुरानी पेंशन का लाभ

चीफ रिपोर्टर — शिमला

मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी बिजली कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ नहीं मिल पाया। फिलहाल मामला उपचुनाव में उलझा हुआ है, क्योंकि पहले छह सीटों पर उपचुनाव हुआ और अब तीन सीटों पर उपचुनाव चल रहा है। ऐसे में बिजली बोर्ड कर्मचारियों को इंतजार है कि उनके लिए कोई कदम उठाया जाएगा, मगर वर्तमान में जो हालात हैं, उनसे यह नहीं लग रहा कि जल्द ही बिजली कर्मचारियों को ओपीएस मिल पाएगी। बोर्ड प्रबंधन भी इस दिशा में गंभीर नहीं है। वहीं सरकार भी केवल निर्देश देने तक ही सीमित है। इन परिस्थितियों में अब कर्मचारियों को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी। सूत्रों के अनुसार उपचुनाव निपटने के बाद कर्मचारी इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। कर्मचारियों का संयुक्त मोर्चा इसे लेकर अपनी बैठक करेगा और वहां पर तय किया जाएगा कि आगे क्या करना है। फिलहाल सरकार भी चुनाव में व्यस्त है और इस वजह से कर्मचारी भी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

हैरानी की बात है कि बिजली कर्मचारियों ने वर्तमान सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया था और उस प्रदर्शन के बाद बाकायदा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाया था। उनसे सभी बातों पर सहमति भी बन गई और एक कमेटी भी अधिकारियों के स्तर पर बनाई गई। बिजली बोर्ड के पूर्व में रहे चेयरमैन भरत खेड़ा को दिल्ली जाने से पहले ओपीएस के मामले पर अपनी रिपोर्ट देने को कहा था। बताया जाता है कि उन्होंने रिपोर्ट भी दे दी, परंतु उस रिपोर्ट पर अब तक क्या हुआ यह किसी को पता नहीं है।