Punjab: जीरकपुर नगर परिषद में बड़ी बगावत

अध्यक्ष के खिलाफ 21 पार्षदों ने खोला मोर्चा, अकेले अकाली दल के आठ पार्षद शामिल

निजी संवाददाता- जीरकपुर

नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष उदयवीर सिंह ढिल्लों के खिलाफ 21 पार्षदों ने बगावत शुरू कर दी है। 21 पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कार्य पदाधिकारी अशोक पठारिया को सौंपा है। इन पार्षदों में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के आठ पार्षद शामिल हैं। इस अविश्वास प्रस्ताव के बाद अगले 21 दिनों में नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक अगर बागी पार्षदों की योजना सिरे चढ़ी तो हरजीत सिंह मिंटा को नगर परिषद का नया अध्यक्ष चुना जा सकता है। जुटाई जानकारी जीरकपुर काउंसिल में कुल 31 वार्ड हैं। साल 2021 में हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस के 23 पार्षद जीते। जबकि शिरोमणि अकाली दल के आठ पार्षद जीते, कांग्रेस के हलका प्रभारी दीपिंद्र सिंह ढिल्लों ने 23 पार्षदों के समर्थन से अपने बेटे उदयवीर सिंह ढिल्लों को अध्यक्ष चुना। राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्षद उदयवीर सिंह ढिल्लों के खिलाफ बगावत कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन शिरोमणि अकाली दल के आठ पार्षदों ने बागी पार्षदों का समर्थन नहीं किया और अध्यक्ष को हटाने के लिए पार्षदों को दो-तिहाई समर्थन नहीं मिला।

इसलिए उन्होंने उदयवीर सिंह ढिल्लों को जमीन पर उतारने की योजना विफल हो गई। लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार एनके शर्मा की हार के बाद उनके आठ पार्षदों ने उदयवीर सिंह ढिल्लों से अपना समर्थन वापस ले लिया है और बागी पार्षदों के साथ खड़े हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल के पार्षदों ने हरजीत सिंह मिंटा के नाम का समर्थन करने का फैसला किया है। नियमों के मुताबिक अध्यक्ष को हटाने के लिए 31 में से दो-तिहाई वोटों की जरूरत होती है। जबकि 22 पार्षद 21 पार्षदों और एक हलके के विधायक कुलजीत सिंह रंधावा के वोट से अध्यक्ष को हटा सकते हैं। जबकि अध्यक्ष बनाने के लिए 17 वोटों की जरूरत है, जो बागी पार्षदों के बहुमत से पूरा होता है। इस बारे में बात करने पर पार्षद हरजीत सिंह मिंटा ने कहा कि शहर में विकास कार्य ठप होने के कारण पार्षदों ने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि सभी पार्षदों की सहमति से नया अध्यक्ष बनाया जाएगा।