सरयांज का बाड़ीधार मेला आज से होगा शुरू

पांडवों के प्रति श्रद्धा के प्रतीक, ढोल-नगाड़ों के साथ होंगे रवाना
निजी संवाददाता—दाड़लाघाट
ग्राम पंचायत सरयांज में बाड़ीधार मेला आज से शुरू हो रहा है। यह जानकारी देते हुए पंचायत प्रधान रमेश ठाकुर ने बताया कि मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मान्यता है कि बाड़ीधार मेले में जो आता है,बाड़ा देव उसके मन की मुरादें पूरी करते हैं। यही कारण है श्रद्धालु दूर-दूर से इस मेले में आते हैं। मेले की पूर्व संध्या पर यहां जागरण होता है। ढोल-नगाड़ों के साथ पूज (पूजा) बाड़ी को रवाना होती है। हालांकि मेले वाले दिन जब पांडवों की मूर्तियां भगवान शंकर से मिलन करवाने के लिए बाड़ी की ओर जाती हैं, तो उसके पीछे श्रद्धालू ढोल-नगाड़ों के साथ बाड़ी के लिए प्रस्थान करते हैं। रात को केवल दो ही पूजा बाड़ी के लिए प्रस्थान करती हैं।

तीसरी पूजा रात के समय यहां पर शामिल नहीं होती है। इसका कारण यह है कि इस पूजा में लगभग पांच-पांच घंटे का पैदल रास्ता तय करना पड़ता है जो रात को संभव नहीं है। मेले में पांडवों को सम्मान देने के लिए विभिन्न प्रकार की धुनें बजाई जाती हैं, जिसे बेल कहते हैं। यह मेला हर वर्ष आषाढ़ मास की संक्रांति को मनाया जाने वाला बाड़ीधार मेला पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठिर की पूजा के रूप में मनाया जाता है। बाड़ीधार को पांडवभूमि के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थान में होने वाला मेला सदियों से मनाया जाने वाला पौराणिक मेला है। बता दें यह मेला पांडवों के प्रति सभी लोगों की श्रद्धा का प्रतीक है।