नाम स्मार्ट सिटी… पर टायलट के हाल बेहाल

नए बनवाना तो दूर पुरानों की हालत भी नहीं सुधरी, पर्यटक सीजन में देश दुनिया से आने वाले सैलानी भी हो रहे परेशान

दिव्य हिमाचल ब्यूरो – धर्मशाला
धर्मशाला के नाम यूं तो स्मार्ट सिटी का तमगा है, पर यहां शौचालय तक की उचित सुविधा नहीं है। नए शौचालय बनने का काम तो शुरू नहीं हो पाया, पर जो पुराने शौचालय बने हुए हैं, उनकी हालत भी बद से बदतर है। जून माह पर्यटन सीजन का है, यहां हर दिन हजारों की तादाद में सैलानी पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें कहीं शौचालय तक की सुविधा नहीं मिल पाती, जिससे स्थानीय लोगों ही नहीं बाहर से आने वाले लागों में भी व्यवस्था के खिलाफ गुस्सा है। धर्मशाला को सुंदर शहर बनाने की कवायद तो करीब सात सालों से चल रही है, लेकिन अभी यहां वेसिक सुविधाएं ही नहीं मिल पा रही है, जिससे जनता में रोष है। शहर में हर 100 मीटर के बाद शौचालय बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन यहां किलोमीटर के बाद भी सुविधा नहीं है। हालत ऐसे हैं कि मुख्य मार्ग से हटकर कुछ पुराने शौचालय जहां बने हुए थे, वह गंदगी के ठिकाने बन गए हैं।

शहर के कचहरी चौक पर बने सुलभ शौचालय को भी वहां से हटा दिया, पर नया सर्वाजनिक शौचालय आज तक नहीं बन पाया है। ऐसे में मौजूदा दौर में यह शहर की सबसे कड़ी समस्या बन गई है। उधर, शहर के बुद्धिजीवी लोगों ने नगर निगम प्रशासन से इस दिशा में जल्द कदम उठाने को आवाज उठाई है, जिससे यहां आने वाले आम लोगों, छात्रों, कर्मचारियों एवं सैलानियों को वेसिक सुविधा मिल सके। ऐसा न होने पर क्षेत्र के लोगों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ विरोध करने का भी निर्णय लिया है।

जनता वोली सुविधा दो नहीं तो करेंगे आंदोलन
धर्मशाला के कचहरी व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुनीष लुथरा, कोतवाली बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष नरेंद्र जम्वाल, जन चेतना संस्था के अध्यक्ष एससी धीमान सहित अन्य संस्थाओं एवं क्षेत्र के बुद्धिजीवी लोगों व स्थानीय सामाजिक संस्थाओं ने भी प्रदेश सरकार, जिला व नगर निगम प्रशासन से जल्द ही इस दिशा में काम शुरू करने की मांग उठाई है, जिससे स्थानीय लोगों सहित यहां आने वाले सैलानियों को सुविधा मिल सके। ऐसा न होने के एवज में क्षेत्रवासियों ने आंदोलन शुरू करने का भी ऐलान किया है। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।