पाठकों के पत्र

जिंबाब्वे इस समय सूखे की समस्या से जूझ रहा है। इस कारण वहां कृषि भी बहुत प्रभावित हुई है और आर्थिक व्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ रहा है। जिम्बाब्वे की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र ने दूसरे देशों से हाथ बढ़ाने की गुजारिश की है। सूखा पडऩे का एक कारण जो सबसे बड़ा माना जाता है, वो है प्रकृति से छेड़छाड़ और वनों तथा वृक्षों की अंधाधुंध कटाई। अगर दुनियाभर में वृक्षों की निरंतर कटाई होती रही, तो वो दिन दूर नहीं है जब जिंबाब्वे

दुनिया में डिजिटल दौर चल रहा है। अब लोग सोशल मीडिया का प्रयोग भी खूब कर रहे हैं। सोशल मीडिया मनोरंजन के साथ-साथ जानकारियों का भी बहुत बढिय़ा जरिया है, लेकिन कुछ लोग इसे अपनी मशहूरी पाने के लिए भी प्रयोग करते हैं और इस पर अपनी तरह-तरह और विचित्र तरह की सेल्फी और पोस्ट डालते हैं। आजकल रील्स का ट्रेंड चल रहा है और इसमें लगभग हर उम्र के लो

हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को डेंगू से बचने और इस बीमारी से निपटने के प्रति जागरूक करना है। इस वर्ष का थीम है- डेंगू रोकथाम सुरक्षित कल के लिए हमारी जिम्मेदारी। महामारी हो या अन्य कोई बीमारी, इससे बचने के लिए आमजन को भी गंभीर होना चाहिए, मात्र सरकारों या प्रशासन के भरोसे ही नहीं बैठना चाहिए। हर वर्ष देश के विभिन्न राज्यों में डेंगू अपना कहर बरपाता है।

दुनियाभर में परिवार के महत्व को समझाने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र जनरल एसेंबली ने सन् 1993 को अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाने की घोषणा की थी। अब हर वर्ष 15 मई को अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है। बेशक इस दिवस की शुरुआत विदेश से हुई है, लेकिन हमें दूसरे देशों की अच्छी बातों को ग्रहण करने में कंजूसी नहीं क

रोजी-रोटी और रोजगार की करे जो बात, उसके लिए करना अपने कीमती मताधिकार का प्रयोग। वोट बैंक की खातिर जो देते हैं प्रलोभन, लालच या अन्य कोई झांसा, ऐसे प्रत्याशियों से रहना दूर। समझदारी से करेंगे हम अपने मताधिकार का प्रयोग, तो हमारा ही नहीं, बल्कि हमारी भावी पीढ़ी का भविष्य भी होगा उज्ज्वल। राष्ट्रधर्म सबसे बड़ा, यह भी रखना हमेशा याद। लोकतन्त्र

हमारा देश विकास और अन्य बहुत से अच्छे कामों में दुनिया भर में नंबर वन पर है और आगे भी बढ़ रहा है, लेकिन जनसंख्या के मामले में भी हमारा देश दुनिया भर में एक नंबर पर पहुंच चुका है। इस मामले में हमने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। अभी हाल ही में सं

जो विद्यार्थी हाल के परीक्षा परिणामों में अच्छे अंक लेकर पास हुए हैं, उन सभी को मेरी तरफ से बधाई एवं शुभकामनाएं। उन सभी बच्चों से मेरी एक अपील है कि अपनी किताबें रद्दी के भाव न बेचें, बल्कि अपने आसपास के जरूरतमंद छात्रों में बांट दें, ताकि किसी की मदद हो सके। अपनी किताबें ऐसे किसी विद्यार्थी को दे दें जो मेहनती हों और परिवार से आर्थिक रूप से इतने सक्षम न हों कि कि

हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति परोपकार की शिक्षा देती है। प्राणी जाति की सेवा हमारा परम धर्म होना चाहिए। मानव जाति के साथ अन्य जीवों की सेवा करना भी सबसे बड़ा कत्र्तव्य होना चाहिए।

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है। अब बहुत से दूसरे राज्यों और विदेशों से लोग हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू-मनाली और अन्य क्षेत्रों का रुख करेंगे और इन ठंडी वादियों का लुत्फ लेंगे। लेकिन इन क्षेत्रों में पर्यटकों को ट्रैफिक समस्या से भी जूझना पड़ता है।