बेलारूस में गश्त पर रूसी परमाणु बॉम्बर्स

By: Dec 20th, 2021 12:02 am

जंग के हालात में यूक्रेन के उत्तरी इलाके में कर सकते हैं हमला

एजेंसियां — मास्को

यूक्रेन से बढ़ते तनाव के बीच रूस ने अपने दोस्त देश बेलारूस में गश्त करने के लिए परमाणु बॉम्बर्स को भेजा है। टीयू-22एम3 लंबी दूरी तक परमाणु हमला करने में सक्षम रणनीतिक बमवर्षक विमान है। यूक्रेन के उत्तरी सीमा पर परमाणु बॉम्बर्स की तैनाती से रूस और अमरीका के नेतृत्व वाले नाटो के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है। नाटो ने आरोप लगाया है कि इस तैनाती का असली मकसद बेलारूस के रास्ते यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी करना है। बेलारूस के दक्षिण में यूक्रेन और पश्चिम में पोलैंड है। इन दोनों देशों के साथ रूस और बेलारूस के संबंध बहुत खराब हैं। हाल में ही बेलारूस और पोलैंड-लिथुआनिया के बीच प्रवासी संकट को लेकर तनाव बढ़ गया था।

यूरोपीय देशों ने इस संकट के लिए बेलारूस को जिम्मेदार ठहराया था। उस समय बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से परमाणु बम तक मांग दिया था। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दो टीयू-22एम3 रणनीतिक स्ट्राइक बॉम्बर्स ने बेलारूसी वायुसेना और एयर डिफेंस के साथ एक संयुक्त अभ्यास किया है। इस दौरान रूस से बेलारूस को दिए गए सुखोई-30 लड़ाकू विमानों ने हवाई सुरक्षा मुहैया करवाई। उन्होंने बताया कि इस दौरान रूसी परमाणु बॉम्बर्स चार घंटे तक बेलारूस की हवाई सीमा में गश्त लगाते रहे। पिछले एक महीने में बेलारूस में यह रूसी बॉम्बर्स की तीसरी गश्त थी। बता दें कि टीयू-22एम3 को सोवियत संघ के जमाने के टीयू-22एम से विकसित किया गया है। जो सुपरसोनिक स्पीड से 5100 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। परमाणु हमला करने में सक्षम इस घातक बमवर्षक विमान की अधिकतम रफ्तार 2300 किलोमीटर प्रति घंटा है। 40 मीटर लंबा और 34 मीटर चौड़ा यह बॉम्बर टर्बोजेट इंजन की मदद से उड़ान भरता है। हाल में ही टीयू-22एम3 के दो प्रोटोटॉइप को बनाया गया है, जिसका अभी फ्लाइट ट्रायल किया जा रहा है।

राडार को चकमा देने में सक्षम

अमरीका को भी इस घातक बॉम्बर से डर लगता है, क्योंकि, यह बॉम्बर राडार की पकड़ से बचने के लिए काफी नीचे उड़ान भरने में सक्षम है। अमरीका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठ नाटो ने इसे बैकफायर-सी का नाम दिया है। इसमें हवा में ईंधन भरने के लिए एरियल रिफ्यूलिंग नोज को भी लगाया गया है। जो इसकी रेंज को और अधिक बढ़ा देता है। रूस ने अपने इस जहाज को सीरिया के जंग के मैदान में टेस्ट भी किया है। जहां इसने अपनी भीषण बमबारी से कई आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया था।


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