आस्था

अमावस्या की तिथि का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्व बताया गया है। जिस तिथि में चंद्रमा और सूर्य साथ रहते हैं, वही ‘अमावस्या’ तिथि है। इसे ‘अमावसी’ भी कहा जाता है। अमावस्या माह की तीसवीं तिथि होती है। कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को कृष्ण पक्ष प्रारंभ होता है तथा अमावस्या को समाप्त होता है। अमावस्या पर सूर्य और चंद्रमा का अंतर शून्य हो जाता है... नामकरण

अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल तृतीया को कहा जाता है। वैदिक कैलेंडर के चार सर्वाधिक शुभ दिनों में से यह एक मानी गई है। अक्षय से तात्पर्य है जिसका कभी क्षय न हो अर्थात जो कभी नष्ट नहीं होता। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वृंदावन में ठाकुर जी के चरण दर्शन इसी दिन होते हैं। अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु ने परशुराम अवतार लिया था। अत: इस दिन व्रत करने और उत्सव मनाने की प्रथा है..

भव्य हिमालय की गोद में, एक ऐसा शहर है जो प्रकृति की गोद में बसे एक स्वर्ग जैसा महसूस होता है। जैसे ही सूरज क्षितिज के नीचे डूबता है, आसमान में नारंगी और गुलाबी रंग बिखेरता है, शिमला अपने सबसे आकर्षक पक्ष को प्रकट करता है। इतिहास की फुसफुसाहट पहाड़ की ठंडी हवा के साथ मिल जाती है और हर कोना अपने औपनिवेशिक अतीत की कहानी कहता है। एक लडक़ा है जो ‘हनुमान’ से प्यार करता है और उनकी दिव्य उपस्थिति में विश्वास करता है। शिमला की हरी-भरी पहाडिय़ों के ऊपर, लहराते हुए देवदार के पेड़ों और ठंडी पहाड़ी हवा के बीच ‘जाखू मंदिर’ का प्राचीन अभयारण्य स्थित है। यह सिर्फ एक पूजा स्थल ही नहीं है, बल्कि कहानियों का भंडार भी है, उनमें से सबसे प्रतिष्ठित ‘भगवान हनुमान’ जी की किंवदंती है। सदियों पहले रा

उत्तराखंड, जिसे देवभूमि या देवताओं की भूमि के रूप में भी जाना जाता है, कई मंदिरों का घर है और पूरे वर्ष भक्तों का स्वागत करता है। उत्तराखंड में श्रद्धालु जिन अनगिनत धार्मिक स्थलों और मंदिरों का दौरा करते हैं, उनमें से सबसे प्रमुख चार धाम यात्रा है। हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा का बहुत महत्त्व माना जाता है। इसी कारण हिंदू धर्म से जुड़ा हर एक व्यक्ति कभी न कभी चार धाम की यात्रा पर जाना चाहता है। शास्त्रों के अनुसार चारधाम की यात्रा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति जन्म मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। ऐसे व्यक्ति को दोबारा मृत्यु लोक में जन्म नहीं लेना पड़ता, वो मोक्ष को प्राप्त हो जाता है। हर साल की तरह इस साल भी 10 मई से उत्तराखंड की चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी। अक्षय तृतीया को उत्तराखंड चार धामों में से दो गंगोत्री

राजस्थान वैसे तो अपने ऐतिहासिक किलों और धरोहरों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां की भूमि कई ऐसे स्थानों की भी गवाह है, जहां देवताओं का वास होता है। ऐसी ही एक जगह है कुंभलगढ़ के पास परशुराम महादेव मंदिर। राजस्थान अरावली की सुरम्य पहाडिय़ों में स्थित परशुराम महादेव गुफा मंदिर का निर्माण स्वयं परशुराम ने अपने फरसे से चट्टान को काटकर किया था। कहा जाता है कि हजारों बार इस धरती से क्षत्रियों का नाश करने वाले परशुराम के पास अद्भुत शक्ति यहीं की देन है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव के द्वारा दिए गए परशु(फरसा)के कारण ही इनका नाम परशुराम पड़ा। इस गुफा मंदिर तक जाने के लिए 50

श्रीश्री रवि शंकर विचलित होना मनुष्य का स्वभाव है। वह सिर्फ दुख में ही नहीं, बल्कि सुख में भी विचलित होता है। सुख आने पर भी मनुष्य भयक्रांत रहता है कि न जाने यह सुख कब उससे छिन जाए। लेकिन कुछ मनुष्य इन दोनों ही परिस्थितियों में समभाव में रहते हैं और विचलित नहीं होते,

* गुड़हल के फूल की पंखुडिय़ों को एलोवेरा जैल में मिलाकर पेस्ट बना लें। इस हेयर मास्क को हफ्तें में दो बार 1 घंटा लगाने से बालों की चमक और नमी बढ़ती है। * आंवला के पाउडर में गुड़हल के फूलों को मिलाकर इस पेस्ट को बालों में लगाने से बालों की ग्रोथ बढ़ती है।

गर्मियों का मौसम आते ही आम का सीजन भी शुरू हो गया है। मीठा रसीला आम खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतने ही इसके फायदे भी हैं। पेड़ पर पका आम सबसे टेस्टी और हेल्दी माना जाता है, लेकिन बाजार में जल्दी मुनाफा कमाने के लिए कुछ दुकानदार कैल्शियम कार्बाइड जैसे रसायनों का इस्तेमाल

* झुको उतना ही जितना सही है, बेवजह झुकना दूसरे के अहम को बढ़ावा देना है * जो दूसरे पर नियंत्रण करता है, वह शक्तिशाली होता है, लेकिन जो खुद पर नियंत्रण करता है, वह ज्यादा ताकतवर होता है * सफल होना चाहते हैं, तो अच्छे समय का इंतजार नहीं करना चाहिए। हम जितना सोचते