लंपी वायरस…सोमवार को दस की मौत, 69 और पशु संक्रमित

By: Sep 20th, 2022 12:18 am

जिला में पशुपालन विभाग वायरस पर काबू पाने में रहा नाकाम, अब तक 204 मवेशियों ने तोड़ा दम, 1995 संक्रमित

संतोष कुमार—शिमला
जिला पशुपालन विभाग लंपी वायरस डिजीज पर काबू पाने में असमर्थ नजर आ रहा है। लगातार जिला शिमला में लंपी वायरस से मवेशियों की मौत हो रही है और प्रतिदिन एक्टिव मामलों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। सोमवार को लंपी वायरस डिजीज से जिला शिमला में 10 पशुओं की मौत हुई है, जबकि 69 नए मवेशी इस वायरस का शिकार बने है। जिला पशुपालन विभाग का दावा है कि सभी 429 पशु औषधालय में लंपी वायरस से लडऩे का टीका उपलब्ध है, लेकिन इसे लगाने में विभाग नाकाम रहा है, अन्यथा टीकाकरण ही बचाव के तहत इसे अनिवार्य रूप से लगाया जाना चाहिए था। पशुपालन विभाग के मुताबिक विभाग के पास जिला शिमला में 40,550 डोज उपलब्ध है, जबकि 10,350 डोज की और जरूरत है। जरूरत दर्शाई जा रही है, लेकिन उपलब्ध टीकों को लगाया नहीं जा रहा है, जिससे पशु काल का ग्रास बनते जा रहे है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के साथ साथ जिला शिमला में भी लंपी वायरस अपने पैर पसारता ही जा रहा है।

जिला शिमला में लंपी वायरस के अब तक 3616 एक्टिव केस आ चुके है, जिसमें से 204 मवेशियों ने इस बीमारी से दम भी तोड़ दिया है। विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के तहत जिला शिमला में 1417 मवेशियों ने इस बीमारी पर काबू पाया है, लेकिन 1995 मामले अभी भी एक्टिव चल रहे है। जिला शिमला में सोमवार को 2650 मवेशियों के टीकाकरण करने के साथ अब तक 47,750 पशुओं का वैक्सीनेशन किया गया है। पशुपालन विभाग के अनुसार जिला में अभी भी 2.21 लाख मवेशियों के इस बीमारी से ग्रसित होने की संभावनाएं है। विभाग के पास यह आंकड़ा उपलब्ध है, लेकिन बावजूद इसके टीकाकरण अभियान गति नहीं पकड़े हुए है। विभाग के मुताबिक टीकाकरण और सफाई रखना ही इस बीमारी का बचाव है और यदि टीकाकरण ही इसका बचाव है तो व्यापक स्तर पर टीकाकरण होना चाहिए, जिसके लिए विभाग के प्रयास धरातल पर नजर नहीं आते है।

जिला के लो हाइट वाले एरिया सुन्नी, घणाहट्टी, धामी, पीरन व सतलाई आदि क्षेत्रों में इसका प्रकोप अधिक है। अप्पर शिमला में इसके मामले बहुत कम है। लो एरिया में विशेष रूप से टीकाकरण किया जा रहा है। अप्पर एरिया में रामपुर वाला क्षेत्र अभी बचा हुआ है। अन्य क्षेत्रों में इक्का दुक्का मामले आ रहे है, जिसे स्पेरोडिक कहते है यानी एक दो ही मामले आएंगे, क्योंकि अप्पर एरिया में सफाई रहती है। यह बीमारी गंदगी वाली जगह पर अधिक है
स्वर्ण सेन, उपनिदेशक पशुपालन विभाग शिमला


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App