आठ घंटे तक अंधेरे में डूबा रहा मेडिकल कालेज

By: Dec 31st, 2022 12:45 am

अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों का मोबाइल की रोशनी से किया इलाज, लेबर रूम -कैजुअल्टी वार्ड में ही जल रही थी लाइट

स्टाफ रिपोर्टर-हमीरपुर
डा. राधाकृष्णन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर में बीते गुरुवार रात को मोबाइल की टार्च से रोशनी कर मरीजों को इलाज दिया गया। रात के समय अचानक गुल हुई बत्ती शुक्रवार सुबह जाकर बहाल हुई। मेडिकल कालेज के वार्डों में आठ घंट तक अंधेरा पसरा रहा। मरीज व उनके तीमारदार भी मोबाइल की टार्च की रोशनी में चलते हुए नजर आए। मेडिकल कालेज का स्टाफ भी किसी तरह से मरीजों को इलाज दे रहा था। मोबाइल की टार्च की रोशनी के बीच वार्डों में भर्ती मरीजों को उपचार दिया गया। बिजली न होने की सूरत में जहां मरीज व उनकी तीमारदार परेशान हुए, वहीं इलाज देने वाला स्टाफ भी खासा परेशान हुआ। कारण साफ था कि बिना रोशनी वार्डो में भर्ती मरीजों को इलाज देना आसान नहीं होता। बीते गुरुवार रात के समय शुरू हुई हल्की बूंदाबादी के बीच अचानक बिजली गुल हो गई। बिजली आपूर्ति रात लगभग 11 बजे ठप हो गई। बिजली बाधित होने की सूचना मिलने के उपरांत बिजली बोर्ड के कर्मचारी रात को ही फॉल्ट ढूंढने में लग गए। रात करीब एक बजे तक चली तलाश में कोई कामयाबी बिजली बोर्ड के कर्मियों का हाथ नहीं लगी।

फॉल्ट न मिलने की वजह से मेडिकल कालेज अंधेरे में डूब गया। ठंड के बीच बिजली गुल होने से हीटर नहीं चल पाए जिस कारण ठंड से भी स्टाफ कर्मियों को ठिठुरना पड़ा। शुक्रवार सुबह होते ही बिजली बोर्ड के कर्मचारी फिर से फॉल्ड ढूंढने में जुट गए। कई घंटों की मशक्कत के बाद एक बिजली पोल पर जाकर फॉल्ट ढूंढने की तलाश पूरी हुई। इसके बाद मरम्मत कार्य पूरा कर बिजली आपूर्ति बहाल की गई। सुबह करीब आठ बजे के आसपास विद्युत आपूर्ति बहाल हो पाई है। इस लचर व्यवस्था को हर कोई कोस रहा था। पिछले करीब 15 दिनों से बिजली के अघोषित कट ने मेडिकल कालेज को परेशान कर रखा है। यहां तक की पर्ची काउंटर, कैश काउंटर, लैब आदि में रोजाना सेवाएं बाधित हो रही है। रोजाना बाधित हो रही बिजली से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में एक जनरेटर काफी पुरानी होने की वजह से कबाड़ हो गया है। वहीं जो जनरेटर वर्किंग कंडीशन में हैं उससे कैजुअल्टी वार्ड व लेबर रूम में सेवाएं ली जा रही हैं। यहां पर बिजली का होना अत्यंत जरूरी होती है। बिजली आने की सूरत में तुरंत जनरेटर की सेवाएं ली जाती हंै, लेकिन वार्डों में हालत सही नहीं है। बिजली जाने की सूरत में मरीज व उनकी तीमारदार अंधेरे में भटकते रहते हैं। वहीं बिजली बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो अचानक फॉल्ट आने की वजह से ऐसा हुआ है। रात एक बजे तक फॉल्ट को ढूंढा गया लेकिन नहीं मिला। सुबह आठ बजे के आसपास फॉल्ट ढूंढकर विद्युत आपूर्ति बहाल की गई है।


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