छोटी काशी पर बड़ा संकट; भारी बारिश के बाद मंडी में हालात खराब, सहायता को वायुसेना बुलाई

By: Aug 25th, 2023 12:07 am

प्राकृतिक आपदा से सात की मौत, राहत शिविरों में ठहराए 2000 लोग

अमन अग्रिहोत्री — मंडी

मंगलवार रात व बुधवार को हुई भारी बाशिस, बादल फटने ओर भूस्खलन से प्रभावित हुए मंडी जिला में हालत अभी भी खराब बने हुए हैं। दो दिनों में ही जिला में सात लोगों की मौत इन हादसों की वजह से हो गई है, जबकि एक युवती और महिला अभी भी लापता है। सर्च आपरेशन के बाद दोनों का पता नहीं चला है। कई दिनों से सडक़ मार्ग से कटे गांवों के लिए राशन पहुंचाने के लिए प्रशासन को वायु सेना की मदद लेनी पड़ी है। गुरुवार को इन गांवों को वायुसेना के हेलिकॉप्टर के जरिए राशन भेजा गया। खोलानाल में बादल फटने से भंयकर नुकसान हुआ है। गांव के कई एक दर्जन से अधिक घर, करोड़ों का मंदिर, स्कूल, खेत खलियान तहस तहस हो गए हैं। प्रशासान ने गांव को खाली करवा दिया है। यहां से 50 लोगों को निकालकर नगवाई में राहत शिविर में ठहराया गया है। इसके साथ ही जिला भर में 2039 लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है। सराज के फहड़ गांव 16 मेगावाट का पटकरी पावर हाउस भी बाढ़ के कारण तबाह हो गया है। दो दिनों बाद भी मंडी-कुल्लू का सडक़ संपर्क पूरी तरह से बंद है।

मंडी कुल्लू वाया कटौला-बजौरा मार्ग भी बंद होने से दोनों तरफ एक हजार से अधिक वाहन फंसे हुए हैं। इसके साथ मंडी पठानकोर्ट एनएच और मंडी रामपुर मार्ग को भी दो दिन बाद नहीं खोला जा सका है। जिला में इसके साथ 242 सडक़ें बंद पड़ी हुई है, जबकि दर्जनों गांव में पेयजल नहीं है। जिलाधीश ने बताया कि प्रभावित परिवारों को विभिन्न राहत शिविरों में ठहराया गया है, जहां उन्हें नि:शुल्क भोजन व ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि सदर उपमंडल में 640, सुंदरनगर में 97, गोहर में 140, पधर में 55, सरकाघाट में 368, बल्ह में 311, धर्मपुर में 65, बालीचौकी में 10, कोटली में 20, करसोग में 28 तथा जोगिंद्रनगर में 95 लोगों को राहत शिविर में ठहराया गया है।

बाढ़ ने तबाह किया पटीकरी पावर प्रोजेक्ट, एक करोड़ का नुकसान

बालक राम — पंडोह

सराज विधानसभा क्षेत्र के फहड गांव में निर्मित पटीकरी पावर हाऊस कुकलाह खड्ड में आई बाढ़ ने बुधवार को तबाह कर दिया। इससे करीब एक करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। खड्ड के फ्लड ने पहले बाउंड्री वॉल को तोडा, फिर पावर हाऊस में तबाही मचाते हुए स्टेशन ट्रांसफार्मर, डीजी व पैनल को तबाह कर दिया है। इससे 16 मेगावाट के प्रोजेक्ट को मात्र 30 मिनटों में तहस-नहस कर दिया है। बाढ़ के कारण डैम साइट की दीवार भी टूट गई है। विद्युत उत्पादन अब कई महीनों तक के लिए ठप हो गया है। प्रोजेक्ट तक पहुंचने वाली नौ किलोमीटर सडक़ भी बहुत स्थान से टूट चुकी है। ट्रांसमिशन लाइन गिर चुकी है, जो नए सिरे से बिछानी होगी। कर्मचारियों ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई है। मगर अपने रोजगार प्रोजेक्ट को नहीं बचा पाए। प्रोजेक्ट इंचार्ज श्यामलाल ने कहा कि बाढ़ ने प्रोजेक्ट को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। टरबाइन से लेकर डैम साईट सबकुछ जलमग्न हो गया है। बारिश रुकने के बाद ही मुरम्मत का कार्य संभव हो पाएगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण करीब एक करोड़ रुपए का हुआ है।

शिमला-मंडी में 511 रोड बंद

विशेष संवाददाता — शिमला

प्रदेश भर में बारिश का कहर लगातार जारी है। अभी भी 729 सडक़ें बाधित हैं। इन सडक़ों पर आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। विभाग के लिए सेब बहुल इलाकों में अभी भी सडक़ बहाल करना मुश्किल से भरा है। मंडी जोन में सबसे ज्यादा 282 सडक़ें बाधित हैं। इनमें 155 सडक़ें मंडी सर्किल, 69 कुल्लू और 58 सडक़ें जोगेंद्रनगर में बाधित हैं, जबकि शिमला जोन में 229 सडक़ें बंद हैं। इनमें सोलन में 97, शिमला में 32, रामपुर में 44, नाहन में 27 और रोहड़ू में 29 सडक़ें बंद हैं। हमीरपुर में 125 सडक़ों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है। इनमें धर्मपुर में 95, बिलासपुर में 18 और हमीरपुर में 12 सडक़ें ठप हैं।

कांगड़ा में 89 सडक़ें बाधित हैं। यहां यहां सबसे ज्यादा असर पालमपुर सर्किल में देखने को मिला है। पालमपुर में 63, जबकि नूरपुर में 23 और डलहौजी में तीन सडक़ें बारिश की वजह से बाधित हुई हैं। पीडब्ल्यूडी ने इन सडक़ों को बहाल करने में पूरी ताकत झोंक दी है। पीडब्ल्यूडी जल्द ही प्रदेश में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके पुलों की मरम्मत को लेकर तैयारियां कर रहा है। इन पुलों के लिए वैली ब्रिज की भी खरीद की जा रही है। पीडब्ल्यूडी को राज्य सरकार ने 18 करोड़ देने का फैसला किया है।

जलशक्ति विभाग का जेई बनेर खड्ड में बहा

रानीताल — जिला कांगड़ा में जलशक्ति विभाग के अनुभाग दौलतपुर का एक जेई खड्ड में बह गया। बताया जा रहा है कि राजेश कुमार निवासी गांव सहौड़ा (इच्छी) पानी की सप्लाई सुचारू करने के लिए सुबह लगभग 10 बजे जलाड़ी के पास पंपहाउस में गया। इस दौरान पंप हाउस के पास पहाड़ी दरकने से वह बनेर खड्ड में गिर गया और पानी के तेज बहाव में बह गया। उसके साथ दो और कर्मचारी भी मौजूद थे, जो कि उसी पंपहाउस में फंसे थे। एनडीआरएफ की टीम व स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में जुटा हुआ है। एसडीएम कांगड़ा सोमिल गौतम ओर स्थानिय विधायक पवन काजल भी मौके पर पहुंचे थे। डीएसपी कांगड़ा मदन धीमान ने खबर की पुष्टि की है।

नादौन की कुणाह खड्ड में डूबने से महिला की मौत

रंगस — उपमंडल नादौन के तहत आने वाली जोलसप्पड़ पंचायत के सोहरी गांव की महिला की कुणाह खड्ड में डूबकर मौत हो गई। महिला का शव सोहरी से करीब दो किलोमीटर दूर रंगस में कुनाह खड्ड में फंसा हुआ मिला। गुरुवार सुबह पानी में शव देखकर क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। पता चला है कि महिला सोहरी क्षेत्र से संबंध रखने वाली है तथा मानसिक तौर पर परेशान रहती थी। जानकारी के मुताबिक सोहरी क्षेत्र की 62 वर्षीय महिला मानसिक रूप से परेशान चल रही थी। गुरुवार सुबह लगभग 5:30 बजे महिला उठी तथा कुनाह खड्ड की तरफ गई और खड्ड में बह गई तथा शव वहां से करीब दो मिलोमीटर दूर रंगस के पास मिला।

द्रंग के संगलेहड़ में नाले में बही महिला

पद्धर — द्रंग के कमांद के अरनेहड़ संगलेहड़ गांव में महिला की नाले में बहने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि महिला संगलेहड़ गांव की लक्ष्मी देवी (53) पत्नी तुल्लू राम नाले के पानी के बहाव को घर की ओर जाने से रोक रही थी कि अचानक हादसा हो गया। महिला का शव बरामद कर लिया गया है। प्रभावित परिवार को 25 हजार की फौरी राहत जारी की है। नायब तहसीलदार धर्मेद्र शर्मा ने बताया कि नाले के समीप स्थानीय लोगों के दोघरे हैं। ऐसे में लोगों को वहां न जाने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही द्रंग बथेरी नाले में फ्लड आने से 11 परिवारों के रिहायशी मकान मलबे की चपेट में आ गए। सभी परिवारों सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया है।


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