पेखूवेला के बाद अघलोर फिर भंजाल में सोलर पावर

By: Jun 28th, 2024 5:50 pm

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चीफ रिपोर्टर-शिमला

हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन हाइड्रो के बाद अब सोलर पावर पर फोकस कर रहा है। ऊना जिला के पेखूवेला में 8 महीने के रिकॉर्ड समय में पावर कारपोरेशन ने सोलर पावर प्रोजेक्ट का निर्माण किया, जिसके बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊना जिला के ही अघलोर में सोलर पावर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी है।

इस प्रोजेक्ट को दो महीने में तैयार करने का टारगेट रखा है जिसकी निर्माण लागत 60 करोड़ रूपए आंकी गई है। इस प्रोजेक्ट के बाद अब पावर कारपोरेशन ऊना जिला के ही भंजाल में 5 मैगावाट क्षमता का प्रोजेक्ट बनाएगा। जिसकी निर्माण लागत 30 करोड़ रूपए की आंकी गई है। जल्दी ही सीएम सुक्खू इसकी भी आधारशिला रखेंगे। अब तक पावर कारपोरेशन ने पेखूवेला में 32 मैगावाट सोलर पावर का उत्पादन शुरू किया है, जिससे पहले बैराडोल जोकि बिलासपुर जिला है में भी 5 मेगावाट का प्रोजेक्ट काफी समय से चल रहा है। अभी कुल 37 मैगावाट सोलर पावर का उत्पादन पावर कार्पोरेशन द्वारा किया जाने लगा है लेकिन कई और भी प्रोजेक्ट उसके संभावित हैं।

जानकारी के अनुसार ऊना जिला में इसे लेकर ज्यादा फोकस किया जा रहा है जहां पर भविष्य में भंजाल में परियोजना बनेगी वहीं पेखूवेला और अघलोर के नजदीक भी इस तरह की संभावनाएं देखी जा रही हैं। हालांकि सोलर पावर पर पूरी तरह से निर्भर नहीं किया जा सकता है और पावर कारपोरेशन को अपने हाइड्रो प्रोजेक्ट भी पूरे करने हैं परंतु अभी हाइड्रो पावर प्रोजेक्टों को लेकर कई तरह की अड़चनें निगम के सामने हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र के अधिकारियों के साथ हाइड्र्रो पावर को लेकर चर्चा की है और खासकर पावर कारपोरेशन को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। अभी पावर कारपोरेशन का किन्नौर जिला में कड़छम वांगतू प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है जिसे लेकर काफी ज्यादा विवाद चल रहा है। इसमें निर्माण करने वाली कंपनी के साथ पावर कारपोरेशन की सही तरह से बात नहीं बन पा रही है। कंपनी के साथ जो एग्रीमेंट किए गए थे उसके मुताबिक यहां काम नहीं होने पर विवाद हुआ जिसे कई बार चेतावनी भी दी गई है। फिलहाल हाइड्रो में कई दूसरी परेशानियां भी आ रही हैं, जिसमें प्रोजेक्ट कॉस्ट काफी ज्यादा पड़ रही है। इसी वजह से फिलहाल पावर कारपोरेशन ने सरकार के निर्देशों पर सोलर पावर पर फोकस किया है। ऊना जिला के अलावा कांगड़ा जिला में भी सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाए जाने को लेकर संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। ऐसे ही प्रदेश में कुछ और एरिया भी हैं जहां पर संभावनाएं देखने के लिए एक तकनीकी टीम का गठन हो चुका है।

जल्दी ही यह टीम अपनी सर्वे रिपोर्ट कारपोरेशन को सौंपेगी। दूसरी तरफ सरकार भी यह चाहती है कि सोलर पावर पर ध्यान दिया जाए। केन्द्र सरकार की ओर से कई तरह के इंसेंटिव सोलर क्षेत्र में दिए जा रहे हैं जिनका फायदा राज्य सरकारें उठा सकती हैं, वहीं प्रदेश सरकार ने भी सोलर के लिए कुछ योजनाएं चलाई हैं जिसमें हिमाचल के लोगों को आगे लाया जा रहा है। यहां के लोग अपनी जमीन पर सोलर प्रोजेक्ट लगा सकते हैं जिसके लिए सरकार ने उनको सबसिडी की बड़ी रियायतें रखी हैं। वहीं इनके लिए टैरिफ भी अच्छा होगा। करीब 150 किलोवॉट के लिए लोगों ने दो चरणों की योजना में आवेदन भी कर रखे हैं। बहरहाल सरकारी एजैंसी पावर कारपोरेशन भंजाल के प्रस्तावित सोलर प्रोजेक्ट को भी दो महीने में पूरा करने का टारगेट रखे हुए है। शुक्रवार को अघलोर की आधारशिला के दौरान भी सीएम ने कुछ नई घोषणाएं की हैं जिसपर पावर कारपोरशन कितनी तेजी से काम करता है यह देखना होगा। वैसे सरकारी क्षेत्र में बिजली उत्पादन के लिए पावर कारपोरेशन एक बड़ा उपक्रम बनकर उभरने लगा है।

अघलोर के बाद भंजाल प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा। वहां पर 5 मैगावाट परियोजना का निर्माण होगा। कुछ और जगहों पर भी संभावनाएं देखी जा रही हैं
-हरिकेश मीणा, प्रबंध निदेशक, पावर कारपोरेशन


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