हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार से मांगी स्पेशल ग्रांट

By: Jun 29th, 2024 12:01 am

कांगड़ा एयरपोर्ट को 3500 करोड़; सडक़ों-पुलों के लिए 5000 करोड़ मांगे, जयराम सरकार का मंडी शिवधाम भी अब 16वें वित्त आयोग को भेजा

राजेश मंढोत्रा — शिमला

हिमाचल सरकार ने 16वें वित्त आयोग से रूटीन अवार्ड से अलग 15700 करोड़ की स्पेशल ग्रांट की मांग की है। राज्य सरकार ने अपने मेमोरेंडम में स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट्स को अलग से दिखाया है। इसमें सबसे ज्यादा 5000 करोड़ राज्य की सडक़ों और पुलों की मेंटेनेंस के लिए मांगे गए हैं। तर्क दिया है कि आपदाओं के लिए संवेदनशील पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में सडक़ें बहाल रखना बड़ी चुनौती है। कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 3500 करोड़ की डिमांड की गई है। राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि इससे हिमाचल प्रदेश को इंटरनेशनल कनेक्टिविटी मिल जाएगी। यह लागत वर्तमान में एयरपोर्ट के लिए होने वाली लैंड एक्विजिशन की है। राज्य के बड़े शहरों में भीड़ को कम करने के लिए उनके विस्तार के नाम पर 3000 करोड़ की डिमांड की गई है। शिमला में नवबहार से आईजीएमसी के लिए बनने वाली नई टनल के लिए भी इसी में 400 करोड़ रुपए नए फायनांस कमीशन से मांगे गए हैं। हिमाचल सरकार राज्य में 16 हेलिपोर्ट का निर्माण कर रही है और इनमें से कई निर्माणाधीन हैं, लेकिन वित्त आयोग से इसके लिए अब 350 करोड रुपए मांगे गए हैं। ड्रग्स के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए राज्य में नशा निवारण केंद्र बनाने की जरूरत के आधार पर 1200 करोड़ की ग्रांट हिमाचल ने मांगी है।

टूरिज्म इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 940 करोड़ रुपए मांगे गए हैं और इसमें पूर्व जयराम सरकार का मंडी शिव धाम प्रोजेक्ट भी डाल दिया गया है। इस धनराशि में कुल तीन प्रोजेक्ट हैं। मंडी शिवधाम के अलावा कांगड़ा के बनखंडी में बन रहे चिडिय़ाघर और बिलासपुर के औहर में प्रस्तावित टूरिज्म परिसर को भी इसी में शामिल किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से आए ऑर्डर के आधार पर हिमाचल में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स बनाने के लिए नए वित्त आयोग से 800 करोड़ की डिमांड की गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि हिमाचल में नाहन, हमीरपुर और चंबा मेडिकल कालेज नए हैं, जहां अभी कई और सुविधाओं की जरूरत है। इसीलिए वित्त आयोग इन तीनों के लिए 900 करोड़ रुपए ग्रांट के तौर पर अलग से दे। इसी मेमोरेंडम में कंसल्टेंसी सेवाओं और बजट की प्लानिंग के लिए 50 करोड़ रुपए इसी अवार्ड पीरियड में अलग से भी मांगे गए हैं। अब यह 16वें वित्तायोग पर है कि वह स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट पर क्या फैसला लेता है। (एचडीएम)

मोदी सरकार ने नहीं मानी थी 15वें वित्तायोग की बात

15वें वित्त आयोग ने भी तत्कालीन जयराम सरकार के आग्रह पर सिर्फ हिमाचल के लिए अलग से सिफारिश अपनी रिपोर्ट में की थी। इसमें मंडी एयरपोर्ट के लिए 1000 करोड़, कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 400 करोड़ और ज्वालामुखी टेंपल के लिए भी कुछ धनराशि दी गई थी। भारत सरकार ने वित्त आयोग की रिपोर्ट को तो लागू कर दिया, लेकिन स्टेट स्पेसिफिक सिफारिश को इग्नोर कर दिया। तब हिमाचल में भाजपा की सरकार होने के बावजूद यह पैसा आज तक नहीं मिल पाया, इसलिए नया वित्त आयोग भी स्टेट स्पेसिफिक सिफारिश करता है या नहीं, यह रिपोर्ट से पता चलेगा।


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