बढ़ गई हिमाचल की चिंता, झेलना पड़ रहा नुक्सान

By: Jun 27th, 2024 7:45 pm

-राजस्व में तीन हजार करोड़ के घाटे की संभावना

-2022-23 में जीएसटी मुआवजे के तौर मिले थे 1293 करोड़ अब राजस्व शून्य

विशेष संवाददाता-शिमला

जीएसटी मुआवजे के बंद होने से हिमाचल की चिंता बढ़ गई है और इस चिंता का जिक्र 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष के सामने भी खुलकर हुआ है। जीएसटी मुआवजा बंद होने की वजह से प्रदेश को राजस्व में करीब तीन हजार करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। प्रदेश को जीएसटी पर 14 फीसदी की दर से केंद्र सरकार मुआवजा दे रही थी। हालांकि यह व्यवस्था पांच साल के लिए ही थी। एक जुलाई 2017 से 30 जून 2022 तक प्रदेश को जीएसटी मुआवजे के रूप में करीब 13 हजार करोड़ रुपए मिल चुके हैं। लेकिन जून 2022 के बाद यह किश्तें मिलना बंद हो गई हैं। इसका बड़ा असर प्रदेश की आर्थिकी पर पड़ रहा है। जीएसटी मुआवजे के तौर पर हिमाचल को सबसे बड़ी रकम 2021-22 में मिली थी।

यह मुआवजा 3863 करोड़ रुपए था। जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में जीएसटी मुआवजे के तौर पर राज्य को 1293 करोड़ रुपए मिले थे और इस साल यह राजस्व शून्य हो गया है। दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने पांच साल के लिए ही मुआवजा देने की व्यवस्था की थी और यह अवधि जून 2022 में खत्म हो चुकी है। अब 16वें वित्त आयोग के समक्ष राज्य सरकार ने अपनी व्यथा रखी है। अब केंद्र सरकार इस संबंध में कोई फैसला लेती है तो इसका फायदा न सिर्फ हिमाचल बल्कि पूरे देश में नजर आएगा।

—राकेश शर्मा


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