आईजीएमसी की एचआईवी डायग्नोस्टिक लैब को राष्ट्रीय मान्यता

By: Jun 26th, 2024 12:16 am

राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड ने दी मान्यता, परिणामों में बढ़ेगी विश्वसनीयता, एचआईवी निदान प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल मान्यता जरूरी

विशेष संवाददाता—शिमला
आईजीएमसी शिमला के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचआईवी डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड से मान्यता मिल गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय मान्यता हासिल करने वाली यह प्रदेश की पहली प्रयोगशाला बन गई है। हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के अंतर्गत कार्यरत माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचआईवी डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला को 27 मई को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) ने प्रदान किए गए प्रमाणन के साथ आईएसओ 15189:2012 एनएबीएल: 112 की आवश्यकताओं को पूरा किया है। यह गुणवत्ता क्षमता के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन सुनिश्चित करती है। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने इसकी पुष्टि की है।

उन्होंने बताया कि यह मान्यता लैब टेस्ट परिणामों की विश्वसनीयता और सटीकता को बल देगी और इससे प्रभावी रोगी प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों में योगदान मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि आईजीएमसी शिमला के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचआईवी डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड से मान्यता प्राप्त करने वाली प्रदेश की पहली प्रयोगशाला बन गई है। उन्होंने बताया कि यह प्रयोगशाला उच्च स्तर की गुणवत्तापूर्ण उच्च मानकों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है और एनएबीएल से प्रमाणीकरण बताता है कि यह प्रयोगशाला गुणवत्ता, विश्वसनीयता और प्रतिलिपि प्रस्तुत करने योग्य सुविधा सुनिश्चित कर रही है। एम सुधा देवी ने कहा कि प्रशिक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड भारतीय गुणवत्ता परिषद का एक घटक बोर्ड है। इसमें प्रशिक्षण की तकनीकी दक्षता के लिए प्रयोगशाला का तीसरे पक्ष का मूल्यांकन शामिल है। एचआईवी निदान प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल मान्यता महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह रोगियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और नियामक निकायों के बीच प्रयोगशाला की क्षमताओं की विश्वसनीयता भी बढ़ाती है।


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