Private Buses: प्राइवेट ऑपरेटरों को मिलेंगे 158 बस रूट

By: Jul 1st, 2024 12:05 am

परिवहन विभाग ने सरकार से मांगी मंजूरी, लोगों को होगी सुविधा

शकील कुरैशी — शिमला

हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण व दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को यातायात की बेहतर सुविधा देने के लिए 158 और बस रूट प्राइवेट बस ऑपरेटरों को देने की तैयारी है। हाल ही में सरकार से 108 रूट प्राइवेट को देने की मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा और रूटों को देने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी गई है। परिवहन विभाग की स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की हाल ही में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है, जिसके बाद मसौदा कैबिनेट को भेजने की तैयारी है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद आवेदन मांगे जाएंगे और रूट चिन्हित कर आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार एचआरटीसी से कई रूट लिए जा सकते हैं, जहां पर उनको घाटे का सामना करना पड़ रहा है। इन रूटों को प्राइवेट बस ऑपरेटर्ज के लिए एडवर्टाइज किया जाएगा और उनकी तरफ से आवेदन आने के बाद इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि अगली कैबिनेट बैठक में परिवहन विभाग की तरफ से इस तरह का मामला भेजा जाएगा। ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने प्रदेश की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी में भी कुछ संशोधन सुझाए हैं और उन संशोधनों का मसौदा भी कैबिनेट को भेजा जाएगा। इससे आने वाले दिनों में प्राइवेट बस ऑपरेटर्ज के लिए कुछ राहत मिल सकेगी, क्योंकि यदि उनको ऐसे रूटों पर चलाना है, जहां पर घाटा हो रहा है, तो कुछ रियायतें सरकार को देनी होंगी। प्राइवेट बसों का संचालन बढऩे से रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। राज्य में प्राइवेट बस ऑपरेटर भी आम जनता को यातायात की बेहतरीन सुविधा दे रहे हैं। इनकी भी प्रदेश में हजारों की संख्या में बसें हैं और अहम बात है कि ग्रामीण क्षेत्रों तक प्राइवेट बस ऑपरेटर्ज ने अपनी पकड़ मजबूत कर रखी है। प्रदेश में कुछ बड़े प्राइवेट बस ऑपरेटर हैं, जिनकी बसें शहरों से होते हुए दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं।

एचआरटीसी को नुकसान

सरकार ऐसा इसलिए भी करना चाहती है, क्योंकि एचआरटीसी को काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है। एचआरटीसी आम जनता को सामाजिक दायित्वों की पूर्ति के चलते सुविधा प्रदान कर रही है जिसमें उसे काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। यहां एचआरटीसी के कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है, वहीं पेंशनभोगियों को पेंशन नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा करोड़ों रुपए की देनदारी एचआरटीसी की है, जो अब अपने घाटे की समीक्षा करने जा रहा है। घाटे की समीक्षा में कई कारण सामने आएंगे। इनमें से घाटे के रूट एक बड़ी वजह है। लिहाजा प्रदेश सरकार से 158 और रूट प्राइवेट को देने की मंजूरी मांगी जा रही है।

प्राइवेट संचालकों को 108 रूट देने की मिली है मंजूरी

प्राइवेट बस ऑपरेटर खुद चाहते हैं कि यहां पर उनको ज्यादा से ज्यादा रूट मिलें। बताया जाता है कि हाल ही में सरकार ने 108 रूटों को प्राइवेट संचालकों को देने का निर्णय लिया था जिसके बाद परिवहन विभाग ने इन रूटों को एडवरटाइज भी कर दिया है। इनके लिए आवेदन आने भी शुरू हो गए हैं और अब इसके बाद 158 रूट देने की तैयारी है। जैसे ही सरकार से इसकी मंजूरी मिलती है, प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। पूरे प्रदेश में इस तरह के रूट प्राइवेट ऑपरेटरों को दिए जाएंगे। इससे उनके फलिट में और ज्यादा बढ़ोतरी होगी।

लोगों को सुविधा देने के लिए कुछ नए रूट चलाए जाएंगे और पुराने रूटों को भी बहाल किया जाएगा। इन रूटों पर प्राइवेट बस ऑपरेटरों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जल्दी ही मामला कैबिनेट में जाएगा और सरकार को भी वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे

आर.डी.नजीम, प्रधान सचिव, परिवहन


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