फ्री बिजली योजना बंद करने की तैयारी में प्रदेश सरकार, जल्द कैबिनेट में आएगा मुद्दा: जयराम

By: Jul 1st, 2024 5:33 pm

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश के लोगों को मिल रही फ्री बिजली को बंद करने की तैयारी कर रही है। पहले भी कई प्रकार के जतन किए गए जो कामयाब नहीं हो पाए लेकिन अब सरकार आयकर के दायरे में आने वाले लोगों से यह सुविधा वापस लेने की तैयारी कर चुकी है। बहुत ही जल्दी ये मुद्दा कैबिनेट में भी आने वाला है। हिमाचल में सत्ता में आने के लिए कांग्रेस ने तरह तरह के झूठे वादे किये थे, झूठी गारंटियां दी थी। जिसमें एक गारंटी यह भी थी की प्रदेश वासियों को बिना किसी शर्त के 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। सरकार को बने डेढ़ साल से ज्यादा समय हो गया लेकिन इस गारंटी पर मुख्यमंत्री द्वारा एक बार भी बात नहीं की गई। उल्टा बिजली पानी के दाम बढ़ाए गए। सरकार ने कई बार तकनीकी रूप से हमारी सरकार द्वारा शुरू किए गए 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना को बंद करने, लाभार्थियों की संख्या कम करने के प्रयास किए, जिसका भाजपा द्वारा कड़ा विरोध किया गया और सरकार अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाई। लेकिन अब सुक्खू सरकार एक नया पैंतरा आजमाना चाह रही है, जिसका भारतीय जनता पार्टी जमकर विरोध करेगी।

जयराम ठाकुर ने कहा कि इस समय प्रदेश में मित्रों की सरकार चल रही है जिसका लक्ष्य सिर्फ मित्रों को लाभ पहुंचाना है। प्रदेश के लोगो की सुख सुविधाओं से सरकार को कोई लेना देना नहीं है। यह सरकार अपराधियों को भी खुला संरक्षण दे रही है जिसके कारण प्रदेश में कानून व्यवस्था दोस्त हैं। आए दिन दिन दहाड़े गोलियां चल रही है, प्रदेश में माफिया सक्रिय है। बीते कल औद्योगिक नगरी बद्दी में फिर फिर गोलियां चली हैं। इस गोली कांड के पीछे भी वर्चस्व की बात सामने आ रही है। मुख्यमंत्री को इस बात का जब आप देना चाहिये की आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। औद्योगिक नगरी में इस तरह की गुंडा गर्दी और अराजकता अब कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस सरकार में आये दिन वर्चस्व के लिए खूनी खेल और गोलीबारी आम बात हो गयी है। क्या मुख्यमंत्री इसी व्यवस्था परिवर्तन की बात कर रहे थे जहाँ कानून के बजाए माफिया का इकबाल बुलंद होता रहे। यही कारण है कि प्रदेश में उद्योगपति मुख्यमंत्री से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं और उद्योग पलायन कर रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में हो रहे तीनों उपचुनाव के जिम्मेदार मुख्यमंत्री स्वयं है। उनके द्वारा निर्दलीय विधायकों को सत्ता के दम पर प्रताड़ित करने, उनकी बातों को अनसुना करने, उनसे जबरिया समर्थन लेने के कारण यह हालात पैदा हुए हैं। लोकतंत्र में ताकत जनता के हाथ में होती है और लोकसभा के चुनाव में जनता ने कांग्रेस को नकारते हुए भाजपा को संपूर्ण स्नेह, सहयोग और समर्थन दिया है। प्रदेश में सत्ता होने के बाद भी कांग्रेस 68 में से 61 सीटों पर चुनाव हार गयी। मुख्यमंत्री अपनी विधानसभा हार गए। इस उप-चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी तीनों सीटों पर भारी मतों से चुनाव जीतेगी। यह जीत कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।


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