ब्लॉग

इन खेल छात्रावासों में दाखिल होने के अवसर न के बराबर होते हैं। इसलिए स्कूल के बाद महाविद्यालय स्तर पर खेल विंग मिलना जरूरी हो जाता है...

कुछ मायनों में दिए गए कुछ तर्क ठीक हैं, लेकिन ध्यान रहे कि पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती। यह सिर्फ भ्रष्ट नेताओं के संदर्भ में सही होगा। जो नेता ईमानदार हैं और ईमानदारी से कार्य करते रहे हैं, उनके लिए राजनीति जनसेवा है, देशसेवा है। उदाहरण के लिए स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी, स्वर्गीय अटल जी इत्यादि जिनके ऊपर एक भी पैसे का दाग नहीं है। इन सबके अलावा आज और भी ऐसे ईमा

हैदराबाद में एक रैली में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संकेत दिया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो पार्टी जाति सर्वेक्षण के वादे के बाद देश की संपत्ति, नौकरियों और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का आर्थिक रूप से पुनर्निर्धारण करेगी। उन्होंने कथित तौर पर कहा, ‘हम एक जाति जनगणना करेंगे ताकि पिछड़े, एससी, एसटी, सामान्य जाति के गरीबों और अल्पसंख्यकों को पता चले कि देश में उ

संयुक्त राष्ट्र संघ की विश्व मौसम विज्ञान संस्था ने एशिया में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर एक रिपोर्ट गत सप्ताह जारी की है, जिसमें यह बात सामने आई है कि वैश्विक तापमान वृद्धि का प्रभाव एशिया में विश्व औसत से ज्यादा पड़ रहा है। इस क्षेत्र में कई देशों में आज तक का अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है जिसके कारण इस महाद्वीप में 2023 में 90 लाख लोग बाढ़ों और तूफानों से प्रभावित हु

अधिकांश भारतीय खिलौने ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर उपलब्ध कराए जाने चाहिएं, ताकि घरेलू खिलौनों की बिक्री को और बढ़ाया जा सके। यह भी जरूरी है कि सरकार के द्वारा प्रस्तावित की गई पारंपरिक और यांत्रिक खिलौनों दोनों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शीघ्र शुरू की जाए। देश में सुगठित खिलौना प्रशिक्षण और डिजाइन संस्थान की स्थापना को मूर्तरूप देना होगा...

स्ंाविधान की धारा 21 के अंतर्गत व्यक्तिगत जीवन व स्वतंत्रता का विशेष मौलिक अधिकार है, जो कि अपातकाल में भी समाप्त नहीं किया जा सकता। इसी तरह न्यायशात्र का भी यही सिद्धांत है कि जब तक किसी दोषी को सजा न हो जाए, तब तक उसे निर्दोष ही समझा जाना चाहिए। इसी सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (अब नागरिक सुरक्षा संहिता) में

अभी तक सीपीएम के बारे में यह माना जाता था कि वह विचारधारा पर आधारित पार्टी है। लेकिन वह अपने विदेशी स्वभाव के कारण सौ साल बीत जाने पर भी हिंदुस्तान में अपने पैर नहीं जमा सकी। समाप्ति के इस अंतिम चरण में उसने भी किसी न किसी तरह ‘सांस चलती रहे’ के सूत्र को आधार मान कर कांग्रेस के साथ गठबंधन करके अपनी स्थिति हास्यास्पद बना ली है...

हिमाचल सरकार को भी चाहिए कि वह बैरकों और बटालियनों में तैनात पुलिस कर्मियों से कुछ जवानों को हिमाचल प्रदेश के सभी थानों में अटैच कर और उन्हें भीड़भाड़ वाले स्थानों में हथियारों सहित तैनात करे, ताकि स्थानीय नागरिकों एवं पर्यटकों में सुरक्षा का भरोसा जगाया जा सके। आप आम पब्लिक को रामभरोसे नहीं छोड़ सकते हैं, इसके लिए पुलिस थानों को सं

यही वजह है कि अपनी प्रसिद्धि को देखते हुए फिल्मों के कलाकार राजनीति में आ तो जाते हैं, पर कम ही लंबी पारी खेल पाने में सफल होते हैं। फिल्म के पर्दे की राजनीतिक दुनिया से एक अपनी अलग ही दुनिया और अलग ही दास्तां है। यहां सफलता पर दर्शकों की तालियों की गूंज बार-बार सुनाई देती है। लेकिन फिल्मी स्टार से नेता बनने के बाद मन में दबी-छुपी आशंकाएं जन्म लेती हैं। ऐसे में अपनों से टकराहट, शिकायत और उलाहने के दौर के बीच की भी एक दुनिया होती है, जहां कई बार कोई साथ नहीं होता। सोचना होगा कि बॉलीवुड और नेतागिरी किस हद तक एक-दूसरे के पूरक हंै। बॉलीवुड समाज के लिए क्या कर सकता है...